नेहरू प्राणी उद्यान को लगातार छठी बार मिला आईएसओ 9001:2015 प्रमाणन
हैदराबाद, 26 नवंबर (एजेंसियां)। तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद स्थित नेहरू प्राणी उद्यान ने एक बार फिर अपनी उत्कृष्ट कार्यप्रणाली और प्रबंधन क्षमता का प्रमाण देते हुए लगातार छठे वर्ष आईएसओ 9001:2015 प्रमाणन हासिल किया है। यह उपलब्धि न केवल तेलंगाना के लिए गौरव का विषय है, बल्कि यह देश के वन्यजीव संरक्षण और प्रबंधन के क्षेत्र में चिड़ियाघर की बढ़ती प्रतिष्ठा को भी दर्शाती है।
मंगलवार को तेलंगाना सचिवालय में आयोजित एक विशेष समारोह में राज्य की वन, पर्यावरण एवं धर्मस्व मंत्री कोंडा सुरेखा ने चिड़ियाघर की क्यूरेटर वसंता को यह प्रमाणपत्र सौंपा। मंत्री सुरेखा ने चिड़ियाघर के अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई देते हुए कहा कि यह उपलब्धि उनकी मेहनत, समर्पण और पेशेवर क्षमता का परिणाम है। उन्होंने कहा कि चिड़ियाघर ने लगातार मानकों का पालन करते हुए जिस तरह से अंतरराष्ट्रीय स्तर की गुणवत्ता बनाए रखी है, वह अन्य संस्थानों के लिए भी प्रेरणादायक है।
अधिकारियों के अनुसार, हैदराबाद चिड़ियाघर देश का पहला ऐसा प्राणी उद्यान बन गया है, जिसने लगातार छह वर्षों तक आईएसओ 9001 मान्यता प्राप्त कर अपनी कार्यप्रणाली को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप साबित किया है। यह प्रमाणन गुणवत्ता प्रबंधन, सेवा मानक, सुरक्षा और संचालन प्रक्रियाओं में निरंतर सुधार का प्रतिनिधित्व करता है। इसके साथ ही चिड़ियाघर ने आईएसओ 14001 पर्यावरण प्रबंधन प्रमाणन भी हासिल किया है, जो पर्यावरण संवेदनशीलता और टिकाऊ प्रबंधन के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
आईएसओ 14001 प्रमाणन की प्राप्ति चिड़ियाघर में अपशिष्ट प्रबंधन, ऊर्जा संरक्षण, जल संरक्षण, कार्बन उत्सर्जन में कमी और आवास प्रबंधन में किए जा रहे निरंतर प्रयासों का परिणाम है। अधिकारियों का कहना है कि इन सभी पहलों ने चिड़ियाघर को पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर एक अग्रणी संस्था के रूप में पहचान दिलाई है। इसी कारण पार्क को समग्र प्रबंधन के लिए पांच सितारा रेटिंग भी प्राप्त हुई है, जो उसकी गुणवत्ता और विश्वसनीयता को और अधिक मजबूत करती है।
चिड़ियाघर प्रशासन का मानना है कि आईएसओ प्रमाणनों की यह निरंतर श्रृंखला भविष्य में कई सकारात्मक प्रभाव लाएगी। इससे न केवल अधिक लोगों का आकर्षण बढ़ेगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय वैज्ञानिक संस्थानों के साथ सहयोग के अवसर भी बढ़ेंगे। साथ ही वन्यजीव संरक्षण से जुड़े अनुसंधान, साझेदारियां और विभिन्न परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता मिलने की संभावनाएं भी मजबूत होंगी। अधिकारियों को उम्मीद है कि यह प्रमाणन पार्क की संरचना, तकनीकी दक्षता और जीव संरक्षण संबंधी प्रयासों को और अधिक समर्थ बनाएगा।
साल 1963 में स्थापित नेहरू प्राणी उद्यान आज लगभग 30 लाख से अधिक वार्षिक आगंतुकों के साथ देश के प्रमुख चिड़ियाघरों में शुमार है। दशकों में इसकी संरचना, प्रबंधन क्षमता और संरक्षण कार्यों में व्यापक विकास हुआ है। यह चिड़ियाघर अब न सिर्फ मनोरंजन का केंद्र है, बल्कि वैज्ञानिक अनुसंधान और वन्यजीव प्रबंधन का भी एक महत्वपूर्ण केंद्र बन चुका है। भारतीय वन्यजीव संरक्षण में इसकी भूमिका लगातार मजबूत हुई है और यह राष्ट्रीय मानकों को निर्धारित करने वाली संस्थाओं में तेज़ी से उभर रहा है।
मंत्री कोंडा सुरेखा ने इस अवसर पर चिड़ियाघर टीम की सराहना करते हुए कहा कि हैदराबाद चिड़ियाघर ने राज्य और देश का नाम वैश्विक स्तर पर रोशन किया है। उन्होंने टीम से आग्रह किया कि वे निरंतर गुणवत्ता को बनाए रखें, नए इनोवेशन अपनाएं और पार्क को विश्व स्तर पर सर्वश्रेष्ठ प्राणी उद्यानों की श्रेणी में लाने के लिए प्रयास जारी रखें। उनके अनुसार, वन्यजीव संरक्षण आज के दौर की प्रमुख आवश्यकता है और इस दिशा में चिड़ियाघर का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है।
नेहरू प्राणी उद्यान की यह उपलब्धि न केवल तेलंगाना की प्रशासनिक कार्यकुशलता को दर्शाती है, बल्कि यह संदेश भी देती है कि जब किसी संस्था में व्यवस्थित प्रबंधन, वैज्ञानिक दृष्टिकोण और समर्पण का संयोजन हो, तो वह लगातार उत्कृष्टता के नए मानक स्थापित कर सकती है।

