30 साल में 13 घंटे कम हो गई धूप की अवधि

 बीएचयू में मौसम वैज्ञानिकों का गहरा अध्ययन

30 साल में 13 घंटे कम हो गई धूप की अवधि

बढ़ते प्रदूषण की वजह से हो रही समस्या

वाराणसी, 10 अक्टूबर (एजेंसियां)। बीएचयू में देशभर के मौसम वैज्ञानिकों ने एक अध्ययन कर बताया है कि भारत में सोलर डिमिंग यानि कि धूप की अवधि कम हो रही है। पिछले 30 वर्षों के दौरान मैदानों में 13 घंटे और पहाड़ों पर नौ घंटे तक धूप कम हो गई है। शहरों में बढ़ते प्रदूषण की वजह से ये समस्या हो रही है। इससे भारत की सौर नीतियों और सौर ऊर्जा की क्षमता पर भी असर पड़ सकता है।

यह शोध बीते तीन दशकों में 1988 से 2018 के बीच हुआ है। यह रिसर्च नेचर पोर्टफोलियो की प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय पत्रिका साइंटिफिक रिपोर्ट्स में भी प्रकाशित हो चुका है। बीएचयू ने मौसम विज्ञान विभाग और भारतीय उष्ण कटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थानदिल्ली के साथ मिलकर यह शोध किया है। पूरे देश में 20 मौसम केंद्रों पर पूरे दिन में धूप अवधि का विश्लेषण किया गया है। ये सभी 20 केंद्र देश के 9 जलवायुवीय क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं। अध्ययन के दौरान धूप की अवधि में सबसे तेज गिरावट उत्तरी आंतरिक मैदानी क्षेत्रों में मिली है।

हिमालयी क्षेत्र में लगभग 9 घंटे प्रति वर्ष और पश्चिमी तटीय क्षेत्र में करीब 8.6 घंटे प्रति वर्ष की कमी आई है। पूर्वी तटीय और मध्य भारत में भी मध्यम गिरावट रही जबकि पूर्वोत्तर भारत में कोई कमी नहीं रही। बीएचयू के मौसम वैज्ञानिक और शोधकर्ता प्रो. मनोज कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि मौसम के अध्ययन से पता चला कि मानसून और मानसून के बाद के समय में धूप की अवधि में सबसे ज्यादा कमी हो रही है।

बनारस बृहस्पतिवार को 33.5 डिग्री के साथ बनारस प्रदेश का पांचवां सबसे गर्म जिला बन गया है। दिन और रात के तापमान में 10 डिग्री सेल्सियस का फर्क आ रहा है। बृहस्पतिवार को जिले का अधिकतम पारा सामान्य के बराबर 33.5 डिग्री सेल्सियस तक गया वहीं न्यूनतम तापमान 23 डिग्री तक चला गया। दूसरी ओर अक्टूबर महीने के 10 दिन के औसत से बनारस में 771 फीसदी ज्यादा बारिश हो चुकी है। बीएचयू के मौसम वैज्ञानिक प्रो. मनोज कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि पछुआ हवा कुछ ही दिन में एक्टिव हो जाएगी तो ठंडक तेजी से बढ़ सकती है।

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