तेलंगाना–नॉर्थ ईस्ट कनेक्ट फेस्टिवल के दूसरे फेज का धमाकेदार आगाज़
सांस्कृतिक और तकनीकी समन्वय का विराट मंच बना राजभवन
हैदराबाद, 25 नवंबर (एजेंसियां)। तेलंगाना की धरती ने सोमवार को एक बार फिर सांस्कृतिक विविधता, तकनीकी नवाचार और राष्ट्रीय एकता के अद्भुत संगम की गवाह बनने का गौरव हासिल किया। तेलंगाना के राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा ने राजभवन में तेलंगाना–नॉर्थ ईस्ट कनेक्ट टेक्नो-कल्चरल फेस्टिवल के दूसरे फेज का भव्य उद्घाटन करते हुए साफ शब्दों में कहा कि यह आयोजन केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि भारत के दो सबसे जीवंत और रचनात्मक भूभागों—तेलंगाना और पूर्वोत्तर—के बीच बढ़ते संवाद, साझेदारी और परंपरागत विरासत को मजबूत करने वाला ऐतिहासिक कदम है।
राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि यह महोत्सव दोनों क्षेत्रों के लोगों को एक-दूसरे की संस्कृति, कला, तकनीकी नवाचार और जीवनशैली को करीब से जानने की प्रेरणा देता है और राष्ट्रीय एकता की उस भावना को और अधिक सशक्त करता है, जो भारत की मूल पहचान है। उन्होंने विशेष रूप से इस बात का उल्लेख किया कि आयोजन का पहला फेज, जो एचआईटीईएक्स, आईएमएएक्स, गाचीबोवली स्टेडियम और पुलेला गोपीचंद बैडमिंटन एकेडमी जैसी प्रतिष्ठित जगहों पर हुआ था, जनता की भारी भागीदारी और उत्साह के कारण असाधारण रूप से सफल रहा था। उन्होंने कहा कि पहले फेज की अपार सफलता ने दूसरे फेज के लिए जमीन तैयार कर दी है, जिसे अब और व्यापक तथा अधिक प्रभावशाली रूप दिया जा रहा है।
राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा ने बताया कि पहले चरण में कई महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों (MoUs) पर हस्ताक्षर किए गए, जिन्होंने खेल, सिनेमा, मानव विकास, शिक्षा, कौशल प्रशिक्षण और महिला सशक्तिकरण जैसे क्षेत्रों में नए रास्ते और नई संभावनाओं को जन्म दिया। ये समझौते दोनों क्षेत्रों के बीच भविष्य के सहयोग और निवेश के लिए मजबूत बुनियाद साबित होंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि सांस्कृतिक कार्यक्रमों, रंगमंच, साहित्यिक गतिविधियों, कला एवं शिल्पकला प्रदर्शनी और तकनीकी वार्ताओं ने पहले फेज को एक यादगार अनुभव बना दिया था और अब दूसरा फेज इसे एक और ऊंचे स्तर पर ले जाएगा।
राज्यपाल ने कहा कि यह फेस्टिवल “भारत की विविधता में एकता” की जीवंत मिसाल है और ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को धरातल पर मूर्त रूप देने वाला सबसे प्रभावी मंच बन चुका है। उनके अनुसार, यह केवल मनोरंजन का कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक ऐसा सेतु है जो ज्ञान, विचार, टेक्नोलॉजी, संस्कृति और मानवीय मूल्यों को जोड़ता है। उन्होंने यह भी कहा कि जब दो अलग-अलग क्षेत्रों की परंपराएं, कलाएं, नवाचार और दृष्टिकोण एक साथ आते हैं, तो उसके परिणाम बेहद प्रगतिशील और सकारात्मक होते हैं।
उन्होंने घोषणा की कि आने वाले तीन दिनों में मेडिसिन और हेल्थ साइंस, फार्मा उद्योग, लाइफ साइंस, आईटी और आईटीईएस क्षेत्रों पर गहन चर्चाएं और विचार-विमर्श होंगे। इस दौरान प्रतिभागी टी-हब, डब्ल्यूई-हब, प्रमुख अस्पतालों, अनुसंधान संस्थानों और बड़े उद्योगों का दौरा भी करेंगे, जहां वे हैदराबाद की वैश्विक इनोवेशन राजधानी के रूप में बढ़ती प्रतिष्ठा का प्रत्यक्ष अनुभव करेंगे। राज्यपाल ने कहा कि इससे न केवल प्रतिभागियों का अनुभव समृद्ध होगा, बल्कि तेलंगाना और पूर्वोत्तर दोनों के लिए निवेश, रोजगार, उद्यमिता और तकनीकी साझेदारी के नए अवसर भी खुलेंगे।
फेस्टिवल के दूसरे चरण में कार्यशालाओं, सेमिनारों, संवाद सत्रों और शोध पत्र प्रस्तुतियों का विशेष आकर्षण रहेगा। ये कार्यक्रम ज्ञान के आदान-प्रदान, सृजनशीलता और रचनात्मक सहयोग को नई दिशा देंगे। आयोजक मंडल के अनुसार, इस बार फेस्टिवल को और अधिक समृद्ध बनाने के लिए कला, फैशन, संगीत, नॉर्थ ईस्ट की पारंपरिक हस्तकला, टेक स्टार्टअप्स और वैज्ञानिक नवाचार से जुड़े विशेष पवेलियन भी बनाए गए हैं, जिनमें प्रतिभागियों और दर्शकों की भारी भीड़ उमड़ने की उम्मीद है।
राजभवन में उद्घाटन समारोह के दौरान पूर्वोत्तर के विभिन्न राज्यों—असम, मेघालय, मणिपुर, त्रिपुरा, मिज़ोरम, नागालैंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश—की विशिष्ट कला, नृत्य शैलियों और वेशभूषा का रंगारंग प्रदर्शन भी नजर आया। यह दृश्य न केवल भारत की बहुरंगी सांस्कृतिक विरासत को दर्शाता था, बल्कि इस बात का भी प्रतीक था कि देश के हर हिस्से की अपनी विशिष्टता है और इन सभी के मेल से ही भारत का असली सौंदर्य और शक्ति प्रकट होती है।
राज्यपाल ने कहा कि भारत जैसे विशाल और विविधतापूर्ण देश में यह आवश्यक है कि लोग एक-दूसरे को समझें, संवाद करें और एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करें। फेस्टिवल इस दिशा में एक अत्यंत प्रभावी माध्यम है, जिसने दोनों क्षेत्रों के बीच जो पुल बनाया है, वह आने वाले समय में और भी मजबूत होगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह कार्यक्रम भविष्य में और बड़े स्तर पर आयोजित होगा और इसका विस्तार पूरे देश में किया जाएगा।
आम तौर पर सांस्कृतिक मेलों को मनोरंजन या परंपराओं की झलक तक सीमित मान लिया जाता है, लेकिन तेलंगाना–नॉर्थ ईस्ट कनेक्ट टेक्नो-कल्चरल फेस्टिवल इससे बिल्कुल अलग है। यह आयोजन तकनीक, शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्योग, साहित्य, कला और नवाचार को एक ही मंच पर लाता है और विकास के बहुआयामी रास्ते खोलता है।
उद्घाटन के साथ ही फेस्टिवल ने हैदराबाद में ऐसी हलचल पैदा कर दी है, जिसमें कला और टेक्नोलॉजी दोनों का अनोखा समन्वय दिखाई दे रहा है। आने वाले दिनों में यह कार्यक्रम न सिर्फ राज्यों के बीच संबंध मजबूत करेगा, बल्कि देश के युवाओं, उद्यमियों, कलाकारों और शोधकर्ताओं के लिए नए अवसरों की झड़ी भी लगाएगा।

