कैबिनेट की बैठक में 19 प्रस्तावों को मंजूरी
बिहार में तीन नए विभागों के गठन पर मुहर
नई दिल्ली, 9 दिसम्बर,(एजेंसियां)। बिहार की नई सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई दूसरी कैबिनेट बैठक कई महत्वपूर्ण निर्णयों की साक्षी बनी। इस बैठक में कुल 19 प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई, जिनमें राज्य प्रशासनिक ढांचे में व्यापक परिवर्तन करने वाले तीन नए विभागों के गठन की स्वीकृति सबसे प्रमुख रही। विधानसभा चुनाव के दौरान युवाओं के लिए रोजगार को प्राथमिकता देने की जो घोषणा मुख्यमंत्री ने की थी, उसे आगे बढ़ाते हुए राज्य सरकार ने युवाओं को कौशल, उच्च शिक्षा और विमानन क्षेत्र में अधिक अवसर उपलब्ध कराने की दिशा में ठोस कदम उठाया है।
कैबिनेट बैठक के बाद अपर मुख्य सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि सरकार के कार्यक्षेत्र के विस्तार और जनकल्याण कार्यों में लगातार बढ़ रही जिम्मेदारियों को देखते हुए विभागों की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता महसूस की गई। वर्तमान में 45 विभाग कार्यरत हैं, जिनके अतिरिक्त तीन नए विभाग बनाए जा रहे हैं। इनमें युवा, रोजगार एवं कौशल विकास विभाग, उच्च शिक्षा विभाग और सिविल विमानन विभाग शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि युवाओं के व्यापक विकास, उन्हें अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध कराने और कौशल प्रशिक्षण को सुव्यवस्थित तथा प्रभावी बनाने के उद्देश्य से “युवा, रोजगार एवं कौशल विकास विभाग” का गठन किया गया है। यह विभाग राज्य में कौशल विकास मिशन, प्रशिक्षण कार्यक्रमों, नौकरी मेले, युवाओं के प्रशिक्षण ढांचे को मजबूत करने और रोजगार योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
वहीं शिक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाले उच्च शिक्षा से जुड़े कार्यों को अलग करते हुए “उच्च शिक्षा विभाग” बनाया गया है। इसे गुणवत्तापूर्ण और विश्वस्तरीय उच्च शिक्षा व्यवस्था विकसित करने का दायित्व सौंपा गया है। विश्वविद्यालयों, कॉलेजों, तकनीकी शिक्षा संस्थाओं और उनके पाठ्यक्रमों में सुधार की दिशा में यह विभाग महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
राज्य में तेजी से बढ़ती विमानन संभावनाओं को देखते हुए “सिविल विमानन विभाग” की स्थापना की गई है। यह विभाग हवाई अड्डों के विस्तार, नए एयर रूट विकसित करने, राज्य में विमानन से जुड़े बुनियादी ढांचे को मजबूत करने तथा हवाई यातायात को सुचारू बनाने के कार्यों को गति देगा।
बैठक में तीन विभागों के नाम बदलने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दी गई। पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग का नाम अब डेयरी, मत्स्य एवं पशु संसाधन विभाग, श्रम संसाधन विभाग का नाम श्रम संसाधन एवं प्रवासी श्रमिक कल्याण विभाग और कला, संस्कृति एवं युवा विभाग का नाम कला एवं संस्कृति विभाग कर दिया गया है।
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि गया जी और मुंगेर जिले को नागरिक सुरक्षा जिला घोषित करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि प्राकृतिक, मानवनिर्मित और सामरिक दृष्टि से दोनों जिले अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। गया जी जहां बौद्ध धर्म की वैश्विक आस्था का केंद्र है, वहीं मुंगेर जिले में कई महत्वपूर्ण औद्योगिक प्रतिष्ठान मौजूद हैं। किसी भी आकस्मिक स्थिति में सुरक्षा के लिहाज से इन जिलों का महत्व बढ़ जाता है। इसी कारण मौजूदा 28 जिलों के साथ गया जी और मुंगेर को भी नागरिक सुरक्षा जिलों की सूची में शामिल किया गया है, तथा इनके लिए 14 पदों के सृजन की मंजूरी दी गई है।
बैठक में पटना जू के संसाधनों को बढ़ाने के लिए समिति गठन के प्रस्ताव को हरी झंडी दी गई। पार्क प्रवेश शुल्क, दंड शुल्क और अन्य आय के नए स्रोतों को बेहतर तरीके से विकसित करने पर यह समिति कार्य करेगी। साथ ही वाल्मीकि टाइगर रिजर्व से संबंधित फाउंडेशन के लिए 15 करोड़ रुपये के कॉरपस फंड को स्वीकृति दी गई है ताकि रिजर्व के संरक्षण और विकास कार्यों को गति मिल सके।
एक महत्वपूर्ण निर्णय में उन कर्मचारियों को भी लाभ देने की घोषणा की गई है जो 30 जून को सेवानिवृत होते हैं। जुलाई से लागू वेतन वृद्धि का लाभ अब उन्हें भी मिलेगा, जिससे पेंशन में बढ़ोत्तरी सुनिश्चित होगी। पंचायत, नगर निकायों के पास विद्युत कंपनियों के बकाये को ध्यान में रखते हुए 400 करोड़ रुपये की स्वीकृति भी दी गई है, ताकि विद्युत आपूर्ति प्रभावित न हो और वित्तीय बोझ से निकायों को राहत मिल सके।
बैठक में कौशल विकास और युवाओं के आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए बिहार सरकार और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (NSE) के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर करने की स्वीकृति भी प्रदान की गई। विद्यार्थी कौशल कार्यक्रम के तहत राज्य में वेबिनार, सेमिनार, वित्तीय जागरूकता कार्यक्रम और प्रशिक्षण आयोजित किए जाएंगे, जिससे युवाओं में निवेश, स्टार्टअप और करियर विकास की समझ बढ़ेगी।
सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने की दिशा में बिहार दस्तावेज लेखक अनुज्ञप्ति (संशोधित) नियमावली 2025 लागू की गई है, जिसके तहत लेप्रोसी प्रभावित व्यक्तियों को भी लाइसेंस प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। वहीं मुख्यमंत्री भिक्षावृत्ति निवारण योजना के तहत भाषा और शब्दावली में सुधार करते हुए पुराने अपमानजनक शब्दों को हटाकर अधिक सम्मानजनक शब्द जोड़े गए हैं, जिससे समाज के कमजोर वर्गों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ेगी।
इन सभी निर्णयों के साथ कैबिनेट बैठक ने बिहार की प्रशासनिक संरचना में महत्वपूर्ण सुधारों का मार्ग प्रशस्त किया है। नई विभागीय संरचना, युवाओं पर विशेष फोकस, उच्च शिक्षा सुधार, विमानन विस्तार और सुरक्षा व्यवस्थाओं को मजबूत करने जैसे निर्णयों से राज्य की विकास यात्रा को नई दिशा मिलने की उम्मीद है।

