बर्फ गिरे या नहीं, पर कश्मीर में ट्यूलिप तो खिलेंगे ही

बर्फ गिरे या नहीं, पर कश्मीर में ट्यूलिप तो खिलेंगे ही

जम्मू20 फरवरी (ब्यूरो)। इस बार कश्मीर में चाहे बर्फ कम हो या नहींआने वाले महीनों में ट्यूलिप खिलने के लिए तैयार हैंजो पर्यटकों और स्थानीय लोगों को मंत्रमुग्ध कर देंगे। यह दावा है ट्यूलिप गार्डन में कार्य करने वाले मालियों और उसके इंचार्ज का। हालांकि उन्हें इस बात की चिंता जरूर थी कि अगर तापमान में ज्यादा बढ़ौतरी हुई तो इस पर संकट आ सकता है। यह चिंता इसलिए है क्योंकि मौसम विज्ञानी वर्ष 2025 में पिछले साल के मुकाबले ज्यादा और जल्दी गर्मी आने की संभावना जता रहे हैं।

वर्तमान मेंकश्मीर में पिछले साल दिसंबर से लंबे समय तक शुष्क मौसम देखा जा रहा हैजबकि 40 दिनों की सबसे कठोर सर्दियों की अवधिजिसे चिल्ले कलां के नाम से जाना जाता हैअभी तक कोई राहत नहीं लेकर आई है क्योंकि आज 50 दिनों के बाद हुई बंूदाबांदी भी कश्मीर को सूखे से निजात नहीं दिला सकी है। विशेषज्ञों के अनुसार लंबे समय तक सूखा रहना चिंता का गंभीर कारण है क्योंकि आने वाले महीनों में इसके गंभीर परिणाम होंगे। हालांकिट्यूलिप के गार्डनर अली मुहम्मद ने कहा कि लगातार सूखे के कारण ट्यूलिप पर सबसे कम प्रभाव पड़ेगा।

उनका कहना है कि ट्यूलिप को विशेष रूप से बर्फ या सूरज की आवश्यकता नहीं होती है। यह किसी भी स्थिति में बढ़ सकता है। इसके अलावा वे कहते थे कि कि जमीनी काम दिसंबर के मध्य में ही पूरा हो चुका है और मौसम की स्थिति के आधार पर कुछ महीनों के बाद ट्यूलिप खिलना शुरू हो जाएंगे। ट्यूलिप गार्डन के प्रभारी जावेद मसूद ने बताया कि ट्यूलिप हर मौसम में उगने वाले फूल हैं और किसी भी स्थिति में उग सकते हैं। उन्होंने कहा कि इसे बढ़ने के लिए किसी विशिष्ट मौसम की स्थिति या अनिवार्य रूप से बर्फ की जरूरत नहीं है।

वे कहते हैं कि फूलों की क्यारियों में पानी डाला जा रहा हैजो ट्यूलिप के पूरी तरह खिलने के लिए पर्याप्त है। प्रासंगिक रूप सेआगामी सीजन में पांच और किस्मों के साथडल झील और जबरवान पहाड़ियों के बीच स्थित एशिया का सबसे बड़ाइंदिरा गांधी मेमोरियल ट्यूलिप गार्डन ट्यूलिप गार्डन पहली बार 1.7 मिलियन ट्यूलिप बल्बों के खिलने का गवाह बनेगा। अधिकारियों ने कहा कि पिछले वर्ष की 68 किस्मों की तुलना मेंउन्होंने इस सीजन में किस्मों की संख्या बढ़ाकर 73 करने का निर्णय लिया है।

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कश्मीर को एक नई पहचान दिलवाने वाले ट्यूलिप गार्डन में माली अभी से भयानक सर्दी में इसलिए जुटे हुए थे क्योंकि वे चाहते हैं कि इस बार पिछले साल के मुकाबले अधिक ट्यूलिप के फूल खिलें और एक नया रिकार्ड बनाएं पहले ही ट्यूलिप गार्डन को देखने वाले हर साल एक नया रिकार्ड बना रहे हैं। अगर अधिकारियों पर विश्वास करें तो इस बार 17 लाख से अधिक ट्यूलिप के खिलने की उम्मीद है। फ्लोरीकल्चर अधिकारी और ट्यूलिप गार्डन के प्रभारी जावेद मसूद मार्च में होने वाले ट्यूलिप आयोजन के बारे में उत्साह साझा करते हुए कहते हैं कि ट्यूलिप बल्बों को बोने की सावधानीपूर्वक प्रक्रिया कुछ ही दिनों में समाप्त हो जाएगी। जबरवान रेंज की तलहटी में बसा यह उद्यान 30 हेक्टेयर से अधिक सीढ़ीदार सुंदरता में फैला हुआ हैजो प्रतिष्ठित डल झील का एक मनमोहक दृश्य प्रदान करता है। आयोजन की तैयारियां जोरों पर हैंएक समर्पित टीम यह सुनिश्चित करने के लिए अथक प्रयास कर रही है कि उद्यान स्थानीयराष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय आगंतुकों की आंखों के लिए एक दावत बन जाए।

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मसूद ने कहा कि इस साल हमने एशिया के सबसे बड़े ट्यूलिप गार्डन की अद्वितीय सुंदरता को प्रदर्शित करने के लिए बल्बों की और भी अधिक किस्में पेश की हैं। आशावाद के साथमसूद ने आशा व्यक्त की कि आगामी ट्यूलिप शो आगंतुकों की संख्या के मामले में पिछले रिकार्ड को पार कर जाएगा। याद रहे वर्ष 2023 मेंबगीचे ने देश के भीतर और बाहर से 3.75 मिलियन आगंतुकों को आकर्षित किया। वे उत्साहित होकर कहते हैं कि हमें उम्मीद है कि अगले ट्यूलिप शो में रिकार्ड टूट जाएगा।

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