नई दिल्ली, 11 दिसम्बर,(एजेंसियां)। देश की सबसे बड़ी एयरलाइन IndiGo ने 3, 4 और 5 दिसंबर 2025 को देशभर के हवाई अड्डों पर हुए भारी व्यवधान के बीच एक बड़ा निर्णय लेते हुए घोषणा की है कि उन यात्रियों को 10,000 रुपये के यात्रा वाउचर दिए जाएंगे, जिन्हें कंपनी ने “गंभीर रूप से प्रभावित” माना है। यह कदम उस समय उठाया गया है जब हवाई अड्डों पर कर्मचारियों की भारी कमी के कारण हजारों यात्री घंटों तक फंसे रहे, सैकड़ों उड़ानें रद्द हो गईं और एयरलाइन की अक्षमता पर सवाल उठने लगे।
अव्यवस्था के दौरान कई यात्रियों ने सोशल मीडिया पर वीडियो और तस्वीरें साझा कीं, जिनमें भीड़भाड़, लंबी कतारें, सामान न मिलने की समस्या और बुनियादी सुविधाओं के अभाव जैसे मुद्दे उजागर किए गए। इस संकट ने न सिर्फ यात्रियों को परेशान किया बल्कि एयरलाइन की साख पर भी गंभीर असर डाला। पीएमओ की आपात बैठक के बाद DGCA ने जांच शुरू की, जिसके बाद IndiGo पर दबाव और बढ़ गया।
इंडिगो के नवीनतम बयान में कहा गया है कि कंपनी को गहरा खेद है कि 3 से 5 दिसंबर के बीच कई यात्रियों को हवाई अड्डों पर “कई घंटों तक इंतजार” करना पड़ा और वे “भीड़ और अव्यवस्था के कारण गंभीर रूप से प्रभावित” हुए। बयान के अनुसार, “हम ऐसे ग्राहकों को 10,000 रुपये के यात्रा वाउचर प्रदान करेंगे। इन वाउचरों का उपयोग अगले 12 महीनों के भीतर किसी भी IndiGo उड़ान के लिए किया जा सकेगा।”
हालांकि एयरलाइन ने यह स्पष्ट नहीं किया कि आखिर “गंभीर रूप से प्रभावित” यात्रियों की पहचान कैसे की जाएगी और किस आधार पर चयन होगा। यही अस्पष्टता यात्रियों में नई चिंता खड़ी कर रही है। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने पूछा कि यदि वे 7–8 घंटे तक फंसे रहे, या उनकी उड़ान दो बार बदली गई, तो क्या उन्हें भी यह मुआवजा मिलेगा?
इंडिगो पर पहले से ही गंभीर सवाल उठ रहे हैं क्योंकि यह पहली बार नहीं है जब एयरलाइन में यात्री प्रबंधन और मानव संसाधन से जुड़ी समस्याओं ने व्यापक असर डाला हो। इस बार कर्मचारियों की कमी की वजह से कई एयरपोर्ट्स पर चेक-इन, सुरक्षा जांच और बोर्डिंग की प्रक्रियाएं धीमी पड़ गईं। इससे यात्रियों में नाराज़गी बढ़ी।
कंपनी ने यह भी दावा किया है कि रद्द हुई सभी उड़ानों के लिए आवश्यक रिफंड पहले ही प्रोसेस किए जा चुके हैं। इसके साथ ही सरकार के नियमों के तहत यात्रियों को दी जाने वाली 5,000 से 10,000 रुपये की राशि अलग से जारी की जा रही है। कंपनी का कहना है कि यह नया 10,000 रुपये का वाउचर उसी सरकारी मुआवजे से अलग और अतिरिक्त है।
DGCA ने भी मामले की गंभीरता को देखते हुए आठ सदस्यीय निगरानी टीम गठित की है, जो इंडिगो के परिचालन, प्रबंधन और संसाधनों की जांच करेगी। यह टीम यह भी देखेगी कि दिसंबर की अव्यवस्था क्यों हुई, स्टाफ की कमी क्यों आई और भविष्य में ऐसे हालात से कैसे बचा जाएगा।
इंडिगो ने बयान में कहा, “हम सुरक्षित, सुगम और भरोसेमंद यात्रा अनुभव प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यात्रियों को हुई असुविधा के लिए गहरा खेद है और हम उनके विश्वास को बहाल करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहे हैं।”
अब देशभर के यात्रियों की नजरें इस बात पर हैं कि एयरलाइन किस प्रक्रिया से ‘गंभीर रूप से प्रभावित’ यात्रियों की पहचान करेगी और क्या यह मुआवजा वास्तव में उन लाखों लोगों तक पहुंच पाएगा, जिन्हें दिसंबर की शुरुआत में भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

