जीबीए मामले में घर तोड़ने का काम कर रही सरकार: आर. अशोक

जीबीए मामले में घर तोड़ने का काम कर रही सरकार: आर. अशोक

बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| विपक्ष के नेता आर. अशोक ने कहा कि संविधान का ७४वां संशोधन स्थानीय निकायों के लिए भगवद गीता जैसा है| नए निगम के लिए महापौर सर्वोच्च होता है| अगर कोई जिला पंचायत अध्यक्ष होता है, तो वह सर्वोच्च होता है| मुख्यमंत्री परियोजनाओं को मंजूरी देकर घर तोड़ने का काम कर रहे हैं| भाजपा के प्रदेश कार्यालय जगन्नाथ भवन में एक संवाददाता सम्मेलन में बोलते हुए उन्होंने कहा हमें ५ निगमों की क्या जरूरत है? आप योजना प्राधिकरण हैं| बेंगलूरु के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए इंजीनियरों को सीईओ बनाया गया है| भविष्य में वे ही टेंडर डालेंगे| मेट्रो और अंडरपास सुरंगों का काम भी वे ही करेंगे|

परिषद को इसे मंजूरी देकर महापौर के माध्यम से सरकार को भेजना चाहिए था| उन्होंने शिकायत की कि वे ही ऐसा कर रहे हैं| इसी बैठक में सड़क निर्माण कार्यों को भी मंजूरी दी जाती है| उन्होंने आरोप लगाया कि निगम ध्वस्त हो गया है| उन्होंने सरकारी पैसे से सभी अखबारों में विज्ञापन दिए हैं| उन्होंने स्थानीय विधायकों को कार्यक्रम में न बुलाए जाने की आलोचना की| उन्होंने शिकायत की कि यह संविधान का उल्लंघन है| उन्होंने कहा कि ऐसा सभी क्षेत्रों में हुआ है| राज्य सरकार ने ग्रेटर बेंगलूरु अथॉरिटी की बैठक बुलाई है| यह सवाल करते हुए कि क्या इसे सरकार कहा जाना चाहिए, उन्होंने कहा कि सरकार का मतलब कानून, व्यवस्था और संविधान है| उन्होंने इस बात पर आपत्ति जताई कि एजेंडा दोपहर १२ बजे घर भेजा गया और बैठक शाम ४ बजे हुई| जो भी सूचना दी गई, वह ७ दिन पहले दी जानी चाहिए थी| अथॉरिटी की बैठक के लिए नियम और कानून होते हैं|

उन्होंने आलोचना की कि इसे मनमाने ढंग से नहीं दिया जा सकता| उन्होंने कहा कि मैं सुबह कार्यक्रम के लिए घर से निकला था| इससे उनकी योग्यता स्पष्ट हो जाएगी| आर. अशोक ने सवाल किया कि अगर गड्ढे बंद हैं और आवाजाही सुचारू है, तो यातायात की समस्या कैसे पैदा हो सकती है| अगर गड्ढे ही विकास हैं, तो मुझे उनके बारे में भी बताइए| उन्होंने इस ओर ध्यान दिलाया कि रिंग रोड पर, जहाँ लाखों बसें और गाड़ियाँ चलती हैं, कूड़े का ढेर लगा हुआ है| उन्होंने सवाल किया कि इस बैठक का उद्देश्य क्या है? ढाई साल में कोई अनुदान नहीं दिया गया| २५ करोड़ की बात कहे हुए ३ महीने हो गए हैं| उन्होंने अखबारों में लिखा था कि बेंगलूरु तेजी से विकास कर रहा है| उन्होंने कहा कि हमारे विधायक रघु कह रहे हैं कि अभी कोई सरकारी आदेश नहीं है|

उन्होंने पूछा कि आदेश कब स्वीकृत होगा| उन्होंने आपत्ति जताई कि इस दिसंबर तक राशि नहीं आएगी| वे ५ निगम बनाने जा रहे हैं| आर. अशोक ने पूछा कि बेंगलूरु सेंट्रल के अलावा १२० लोगों की परिषद बैठक आयोजित करने के लिए और कहाँ जगह है? २० नामांकित व्यक्ति और ४० अधिकारी बैठने चाहिए| ३० मीडियाकर्मी भी होंगे| उन्होंने पूछा कि २०० लोगों के बैठने वाले ४ हॉल कहाँ हैं? उन्होंने सवाल किया कि क्या यह बैठक कानून के अनुसार आयोजित की गई थी| हमने परिषद में लड़ाई लड़ी| अब हमने कानून के अनुसार जनहित याचिका दायर की है| विधायक एस.आर. विश्वनाथ, मुनिरत्न, एस. मुनिराजू, एस. रघु, सी.के. राममूर्ति, विधान परिषद सदस्य गोपीनाथ रेड्डी, बेंगलूरु उत्तर जिला अध्यक्ष एस. हरीश और बेंगलूरु मध्य जिला अध्यक्ष सप्तगिरिगौड़ा उपस्थित थे|

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