Sandeshkhali केस का अहम गवाह निशाने पर
भोलानाथ घोष की हत्या की कोशिश, बेटे की मौत… शाहजहां पर साजिश का आरोप तेज
कोलकाता, 11 दिसम्बर,(एजेंसियां)।। पश्चिम बंगाल के चर्चित Sandeshkhali गैंगरेप और ईडी हमले के मामले के मुख्य गवाह भोलानाथ घोष पर बुधवार सुबह जानलेवा हमला हुआ। इस संदिग्ध सड़क दुर्घटना में उनके छोटे बेटे सत्यजीत घोष और कार चालक शहनूर मोल्ला की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि भोलानाथ घोष बाल-बाल बच गए।
यह घटना उत्तर 24 परगना के बसंती हाईवे पर बॉयामरी पेट्रोल पंप के पास सुबह लगभग 9:17 बजे हुई—ऐसी जगह जहां कोई CCTV कवरेज नहीं था, जिससे संदेह और गहरा हो गया है। Sandeshkhali एक बार फिर बंगाल में राजनीतिक संरक्षण प्राप्त अपराध और सत्ता के दुरुपयोग का भयानक चेहरा उजागर कर रहा है।
गवाहों पर हमला लोकतांत्रिक न्याय प्रणाली पर सीधा प्रहार है और भोलानाथ घोष के बेटे की मौत इस तंत्र की विफलता की दर्दनाक याद दिलाती है।
कौन हैं भोलानाथ घोष – गवाह जिसने सत्ता के गलियारों में हलचल मचा दी थी
64 वर्षीय भोलानाथ घोष कभी Sandeshkhali के विवादित टीएमसी नेता और फिलहाल गंभीर आरोपों में जेल में बंद शेख शाहजहां के बेहद करीबी हुआ करते थे।
लेकिन इसी दोस्ती की कड़वाहट तब बढ़ी, जब घोष ने सीबीआई और ईडी को बयान देने शुरू किए और अदालत में शाहजहां के खिलाफ महत्वपूर्ण गवाही देने वाले थे।
घटना के समय घोष कार की आगे वाली सीट पर बैठे थे और उनका बेटा पीछे। तभी तेज रफ्तार 16 पहियों वाले ट्रक ने अचानक कार को जोरदार टक्कर मारी। इतनी ताकतवर कि कार ट्रक के साथ घसीटती हुई सड़क किनारे के जलाशय में जा गिरी।
ड्राइवर मौके से फरार हो गया। बाद में ग्रामीणों ने कटिंग मशीनों की मदद से गाड़ी का मलबा हटाया।
परिवार का आरोप – ये हत्या की खुली साजिश है
गंभीर आरोप सीधे शेख शाहजहां पर लगाए जा रहे हैं।
भोलानाथ के बड़े बेटे बिस्वजीत घोष ने दावा किया—
“यह साधारण हादसा नहीं। यह मेरे पिता को मारने की सुनियोजित साज़िश है।
शेख शाहजहां जेल से ही सब कुछ नियंत्रित करता है। हमारे परिवार को लगातार धमकाया जा रहा था।”
बिस्वजीत ने यह भी आरोप लगाया कि साजिश में TMC की
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सबिता रॉय (नजात पंचायत समिति प्रमुख)
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मुस्लिम शेख (उनके डिप्टी)
शामिल हैं, जिन्होंने शाहजहां के आदेश पर हमला करवाया।
परिजनों के मुताबिक ट्रक चलाने वाला अलीम मोल्ला परिवार का परिचित था।
घटना के बाद अलीम मोल्ला, अब्दुस समद और नज़रुल मोल्ला तीनों फरार हो गए हैं।
स्थानीय लोगों ने भी पुष्टि की कि अलीम शाहजहां का विश्वस्त है और ईडी हमले के दिन भी उसके घर के बाहर मौजूद था।
भोलानाथ घोष का बयान – "यह प्लान किया हुआ हमला था"
अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद भोलानाथ ने कहा—
“मुझे मारने की योजना बनाई गई थी। इतनी रफ्तार में और उस एंगल से ट्रक आ ही नहीं सकता था।
ड्राइवर को मैं जानता हूँ। यह पूरी तरह प्लान किया गया अटैक है।”
पुलिस की भूमिका पर सवाल – विपक्ष ने खोला मोर्चा
उत्तर 24 परगना के एसपी ने कहा कि जांच सभी एंगल से की जा रही है, लेकिन राजनीतिक दलों ने पुलिस पर सवाल उठाए हैं।
भाजपा ने इसे “राजनीतिक संरक्षण प्राप्त हत्या” बताया।
केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने कहा—
“ट्रक जिस व्यक्ति ने चलाया, वह शाहजहां का करीबी है और CBI के रिकॉर्ड में भगोड़ा।
यह हादसा नहीं—गवाह की हत्या की साजिश है।”
भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने आरोप लगाया कि—
“शाहजहां जेल में बैठकर गवाहों को खत्म करवा रहा है।
उसे ममता सरकार का संरक्षण प्राप्त है।”
वहीं विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा—
“भोलानाथ घोष आज बच गए, लेकिन उनका बेटा मारा गया।
कल शायद वे खुद मारे जाएँ।
जब तक शाहजहां बंगाल की जेल में रहेगा, गवाह सुरक्षित नहीं।”
उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से Sandeshkhali मामले को बंगाल से बाहर स्थानांतरित करने की मांग की।
क्या यह ‘Sandeshkhali सिंडिकेट’ का नया चेहरा है?
यह घटना पहले से ही विवादों में घिरे Sandeshkhali को एक बार फिर कटघरे में खड़ा करती है।
यह मामला दिखाता है कि—
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राजनीति
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अपराध
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प्रशासन
की त्रिकोणीय शक्ति जब एक साथ मिलती है तो गवाहों की सुरक्षा कैसे खतरे में पड़ जाती है।
टक्कर ठीक उस स्थान पर हुई जहां CCTV नहीं था।
ड्राइवर वही था जिसे परिवार पहचानता है।
घटना के बाद आरोपी फरार हो गया।
इन सभी तथ्यों ने हादसे को “सुनियोजित हत्या” की दिशा में मोड़ दिया है।

